59 वर्ष की आयु में भी स्वामी रामदेव पूरी तरह से स्वस्थ हैं, और उनके घने काले बाल उनकी सेहत का प्रमाण हैं।
बाबा रामदेव दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं, जिसमें तीन विशेष सब्जियां शामिल होती हैं।
सात्विक आहार के चलते, उन्हें पिछले 50 वर्षों में कोई बीमारी नहीं हुई। उनका वजन 65 किलो है, हीमोग्लोबिन 17.5, रक्तचाप 70/110 और शुगर का स्तर 70-75 के बीच है। उन्होंने अपने आहार और दिनचर्या के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की है।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि 100 वर्ष की आयु तक किसी को भी बूढ़ा महसूस नहीं करना चाहिए और इसके लिए सात्विक आहार और योग का अभ्यास आवश्यक है। उन्होंने बताया कि हर किसी को रोजाना दो योगासन करने चाहिए, क्योंकि ये शरीर को अंदर से स्वस्थ और युवा बनाए रखते हैं। बचपन में उन्हें एक बार मच्छर के काटने से बुखार हुआ था, लेकिन उसके बाद से उन्हें कभी सर्दी, खांसी, डायरिया या फूड पॉयजनिंग नहीं हुई।
बाबा रामदेव की दैनिक दिनचर्या
बाबा रामदेव ने अपनी दिनचर्या के बारे में बताया कि सुबह की शुरुआत कैसे करनी चाहिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने दो खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी, जो कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
सुबह की शुरुआत कैसे करें?
सुबह उठकर गुनगुना पानी पीना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
रामदेव सुबह 3 बजे उठते हैं और खाली पेट गुनगुना पानी पीते हैं। इसके बाद, वह नहाकर एक घंटे तक ध्यान करते हैं, फिर दौड़ने जाते हैं और उसके बाद योग सिखाना शुरू करते हैं।
भोजन की आदतें
दिन में एक बार भोजन सबसे अच्छा
बाबा रामदेव के अनुसार, दिन में एक बार भोजन करना स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा होता है। जो लोग अधिक शारीरिक श्रम करते हैं, वे दिन में दो बार खा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दिन में तीन बार खाने वालों को बीमार होने का खतरा अधिक होता है और चार बार खाना बहुत खतरनाक हो सकता है।
सात्विक आहार का महत्व
बाबा रामदेव दोपहर 11-12 बजे के बीच भोजन करते हैं और शाम 7 बजे तक केवल फल खाते हैं। उनके आहार में 99% अनाज नहीं होता।
उनके आहार में फल और सब्जियां शामिल होती हैं, जैसे लौकी, जुकिनी और मिक्स सब्जियां। उन्होंने 20 वर्षों से अनाज का सेवन नहीं किया, लेकिन कभी-कभी बाजरा खाते हैं।
खाने का सही तरीका
बाबा रामदेव ने बताया कि सबसे पहले कच्चे खाद्य पदार्थ जैसे फल और सलाद खाने चाहिए। इसके बाद हरी सब्जियां, अनाज और अंत में कुछ मीठा खाना चाहिए।
मिठाई में चीनी नहीं होनी चाहिए, इसके लिए मीठे फल, सूखे मेवे, गुड़ आदि का सेवन किया जा सकता है।
खाद्य पदार्थों से बचें
रामदेव के अनुसार, चावल और गेहूं का सेवन घातक हो सकता है। उन्होंने कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्राणायाम को अत्यंत प्रभावी बताया।
उन्होंने रात में मिठाई, चाय, कॉफी, दही, छाछ और चॉकलेट खाने से मना किया।
स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ
कमजोरी दूर करने के लिए अनार, गाजर, चुकंदर, गेहूं का ज्वारा और एलोवेरा का सेवन करें।
मूली पेट और लिवर के लिए अच्छी होती है और यह स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है।
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