झुझुनूं (राजस्थान) में दो बेटों ने अपनी मां की याद को सहेजने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। उनकी मां, सुमित्रा देवी, जो कैंसर से जूझ रही थीं, 28 जून को इस दुनिया को छोड़ गईं। लेकिन उनके बेटे, मनोज और अशोक, ने मां की अस्थियों को हरिद्वार में प्रवाहित करने के बजाय अपने घर के आंगन में उन पेड़ों के पास रख दिया, जिन्हें उनकी मां ने अपने हाथों से लगाया था।
सुमित्रा देवी के पति, जगदीश गोदार, जो वन विभाग से रिटायर हैं, ने बागवानी का शौक रखा। सुमित्रा देवी ने भी इस शौक को अपनाया और अपने आंगन में कई फलदार पौधे लगाए। बेटों का कहना है कि मां ने इन पेड़ों को बच्चों की तरह पाला। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी अस्थियों को इन पेड़ों में रखा जाए।
हालांकि, शुरुआत में यह निर्णय समाज में अटपटा लगा, लेकिन जब बेटों ने मां की अंतिम इच्छा के बारे में बताया, तो सभी ने उनकी सराहना की। अब, हर दिन बेटों का दिन इन पेड़ों के पास शुरू होता है, जहां वे अपनी मां को याद करते हैं।
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