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ओवैसी ने जुबली हिल्स उपचुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया

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जुबली हिल्स उपचुनाव में कांग्रेस को समर्थन

तेलंगाना की जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर AIMIM ने नहीं उतारा उम्मीदवार

तेलंगाना के जुबली हिल्स में होने वाले उपचुनाव में AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस के उम्मीदवार नवीन यादव का समर्थन किया है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे नवीन यादव को वोट दें। एआईएमआईएम ने इस चुनाव में अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।

ओवैसी ने कहा कि जुबली हिल्स में उपचुनाव होने जा रहे हैं और रेवंत रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इस उपचुनाव का नतीजा न तो सरकार को बनाएगा और न ही बदलेगा। उन्होंने कहा कि जुबली हिल्स के निवासियों ने बीआरएस के पूर्व विधायक को 10 साल दिए, लेकिन विकास के मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। इस बार वोटिंग विकास के मुद्दे पर होनी चाहिए। एआईएमआईएम ने इस क्षेत्र से उम्मीदवार नहीं उतारा है और हम निवासियों से अनुरोध करते हैं कि वे युवा नेता नवीन यादव को वोट दें ताकि वह क्षेत्र का विकास कर सकें। यह पार्टी का निर्णय है। मौजूदा सरकार अगले 2.5 से 3 साल तक सत्ता में रहेगी और इस उपचुनाव से कुछ नहीं बदलेगा। 2028 में जब विधानसभा चुनाव होंगे, तब एआईएमआईएम जुबली हिल्स में अपनी भूमिका दिखाएगी।

जुबली हिल्स में मतदान 11 नवंबर को होगा और परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। कांग्रेस ने यहां वी नवीन यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीआरएस ने मगंती सुनीता को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने लंकाला दीपक रेड्डी को टिकट दिया है। सुनीता मगंती गोपीनाथ की विधवा हैं, जिनका निधन हाल ही में हुआ है।

मोहम्मद अजहरुद्दीन का चुनावी इतिहास

मगंती गोपीनाथ 2023 में लगातार तीसरी बार जुबली हिल्स से विधायक बने थे, लेकिन जून में उनका निधन हो गया। 2023 विधानसभा चुनाव में उन्हें 80,549 वोट मिले थे और उन्होंने पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन को 16,337 वोटों से हराया था।

नवीन यादव ने इस सीट से दो बार चुनाव लड़ा है। एक बार वह AIMIM के टिकट पर और दूसरी बार निर्दलीय के रूप में। 2018 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उन्हें लगभग 19,000 वोट मिले थे। 2023 में उन्होंने अजहरुद्दीन का समर्थन करते हुए कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया। पार्टी ने उन्हें इस सीट पर चुनावी जिम्मेदारी सौंपी है।

नवीन ने सीएस आईआईटी बेगमपेट हैदराबाद से 2007 में बीए की डिग्री प्राप्त की। 2014 में वह इस सीट पर मगंती गोपीनाथ से हार गए थे। उस समय वह AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। हालांकि, 2018 में उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा।


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