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खानपान से जुड़ी 4 मिथक जो स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं

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खानपान और स्वास्थ्य: मिथक और सच्चाई क्या अधिक चीनी का सेवन डायबिटीज का मुख्य कारण है? क्या ये 4 बातें सच हैं?

हमारे स्वास्थ्य में खानपान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कई बार हम अपने खाने के चुनाव में गलतियां कर देते हैं। आज हम चार ऐसी सामान्य मिथकों के बारे में चर्चा करेंगे, जो पूरी तरह से गलत हैं, लेकिन लोग इन्हें सच मानते हैं।


मिथक: डाइट में नमक को नियंत्रित करना आसान है।
सच्चाई: यह चिंताजनक है कि कई लोग खाना बनाते समय नमक का उपयोग करते हैं। कई खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें बिना नमक के भी खाया जा सकता है, लेकिन हम इस पर ध्यान नहीं देते। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में छिपा हुआ नमक आपके सेवन को बढ़ा सकता है। जैसे चिकन सूप, अचार, पापड़, पीनट बटर, ब्रेड, मैकरोनी, पनीर, केचअप, पिज्जा, सलाद ड्रेसिंग और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ।


मिथक: हड्डियों के लिए केवल कैल्शियम आवश्यक है।
सच्चाई: हड्डियों के लिए कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन और खनिज भी जरूरी हैं। 40 के बाद नियमित व्यायाम करना चाहिए, जैसे जिम, एरोबिक्स, दौड़ना या तेज चलना। सक्रिय रहने से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है, जबकि गतिहीन जीवनशैली ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा सकती है।


मिथक: डायबिटीज का मुख्य कारण चीनी का अधिक सेवन है।
सच्चाई: मोटापा वास्तव में डायबिटीज का मुख्य कारण है। पिछले दो दशकों में टाइप 2 डायबिटीज के मामलों में वृद्धि जीवनशैली से जुड़ी है। यदि वजन बढ़ता है, तो डायबिटीज का जोखिम भी बढ़ता है।


मिथक: फैट फ्री डाइट दिल के लिए अच्छी होती है।
सच्चाई: यह केवल सैचुरेटेड फैट की बात नहीं है। होमोसिस्टीन का बढ़ा स्तर धमनियों पर बुरा असर डालता है। विटामिन बी होमोसिस्टीन के अमीनो एसिड का उपयोग करता है। इसलिए, संतुलित आहार में फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और दालें शामिल करें।


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