म्युचुअल फंड के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के बारे में तो सभी जानते हैं। निवेश के इस विकल्प में कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है जिसके कारण कई निवेशकों का यह पसंदीदा निवेश विकल्प है। लेकिन क्या आप सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) के बारे में जानते हैं? कई लोग एसआईपी और एसटीपी के बीच में असमंजस में रहते हैं। तो चलिए जानते हैं इन दोनों के बीच का अंतर और कौन सा विकल्प ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
एसआईपी और एसटीपी का अंतर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी आप हर महीने या एक निश्चित अंतराल में म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं जिसके माध्यम से शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म में फंड बनाया जा सकता है। वहीं यदि एसटीपी में निवेशकों को पैसा लगाना है तो इसमें एकमुश्त रकम को इक्विटी फंड में धीरे-धीरे ट्रांसफर करना होता है। आजकल कई निवेशक एसआईपी से ज्यादा एसटीपी पर फोकस कर रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि दोनों विकल्पों में से आपके लिए कौन सा ज्यादा बेहतर होगा? तो चलिए समझते हैं। दरअसल एसटीपी और एसआईपी दोनों ही म्युचुअल फंड के बेहतरीन निवेश विकल्प हैं। जहां शिप में आप हर महीने या एक निश्चित अवधि में निश्चित राशि लंबे समय तक निवेश करके बड़ा फंड बना सकते हैं। वही सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान में निवेशक एकमुश्त राशि को धीरे-धीरे इक्विटी में ट्रांसफर कर सकते हैं जिसमें मार्केट रिस्क कम हो जाता है। इस विकल्प में वित्तीय वृद्धि ज्यादा होती है।
यानी ऐसे निवेशक जो बड़ी राशि को अपने एक फंड से दूसरे फंड जैसे डेट फंड से इक्विटी में ट्रांसफर करते हैं तो यह उनके लिए ज्यादा फायदेमंद होती है। इसे रिस्क कम हो सकती है यदि आप धीरे-धीरे इक्विटी में निवेश करते हैं तो बाजार की अस्थिरता का असर भी कम होता है। निवेशक इस विकल्प के माध्यम से लॉन्ग टर्म में ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं।
इन निवेशकों के लिए है बेहतर विकल्पयदि आप भी उन निवेशकों में शामिल हैं, जो बाजार की अनिश्चित से डरते तो हैं, लेकिन म्युचुअल फंड में ही पैसा लगाना चाहते हैं तो उनके लिए सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान एक बेहतर निवेश विकल्प साबित हो सकता है। चलिए उदाहरण से समझते हैं-
यदि आपने 10 लाख रुपये किसी डेट म्युचुअल फंड में निवेश किए हैं तो आप इस फंड से इक्विटी फंड में हर महीने एक निश्चित राशि का ट्रांसफर कर सकते हैं। इसमें लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न प्राप्त होता है और मार्केट की उतार-चढ़ाव का असर भी कम होता है।
कौन सा विकल्प चुने?यदि आप अपनी थोड़ी-थोड़ी बचत को म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान बेहतर है। वहीं यदि आप अपने डेट फंड में लगाई गई राशि को धीरे-धीरे इक्विटी फंड में ट्रांसफर करके अच्छा रिटर्न कमाना चाहते हैं तो आपके लिए एसटीपी बेहतर होगा। निवेशक अपनी वित्तीय जरूरत और लक्ष्य के अनुसार दोनों में से किसी भी विकल्प का चुनाव कर सकते हैं।
यदि आप एसटीपी में निवेश करना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि जिस भी इक्विटी फंड में आप पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं वह कम रिस्की होना चाहिए। जो आपके लक्ष्य और रिस्क कैपेसिटी के अंतर्गत हो। हालांकि कहीं भी पैसा लगाने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर करना चाहिए।
एसआईपी और एसटीपी का अंतर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी आप हर महीने या एक निश्चित अंतराल में म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं जिसके माध्यम से शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म में फंड बनाया जा सकता है। वहीं यदि एसटीपी में निवेशकों को पैसा लगाना है तो इसमें एकमुश्त रकम को इक्विटी फंड में धीरे-धीरे ट्रांसफर करना होता है। आजकल कई निवेशक एसआईपी से ज्यादा एसटीपी पर फोकस कर रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि दोनों विकल्पों में से आपके लिए कौन सा ज्यादा बेहतर होगा? तो चलिए समझते हैं। दरअसल एसटीपी और एसआईपी दोनों ही म्युचुअल फंड के बेहतरीन निवेश विकल्प हैं। जहां शिप में आप हर महीने या एक निश्चित अवधि में निश्चित राशि लंबे समय तक निवेश करके बड़ा फंड बना सकते हैं। वही सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान में निवेशक एकमुश्त राशि को धीरे-धीरे इक्विटी में ट्रांसफर कर सकते हैं जिसमें मार्केट रिस्क कम हो जाता है। इस विकल्प में वित्तीय वृद्धि ज्यादा होती है।
यानी ऐसे निवेशक जो बड़ी राशि को अपने एक फंड से दूसरे फंड जैसे डेट फंड से इक्विटी में ट्रांसफर करते हैं तो यह उनके लिए ज्यादा फायदेमंद होती है। इसे रिस्क कम हो सकती है यदि आप धीरे-धीरे इक्विटी में निवेश करते हैं तो बाजार की अस्थिरता का असर भी कम होता है। निवेशक इस विकल्प के माध्यम से लॉन्ग टर्म में ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं।
इन निवेशकों के लिए है बेहतर विकल्पयदि आप भी उन निवेशकों में शामिल हैं, जो बाजार की अनिश्चित से डरते तो हैं, लेकिन म्युचुअल फंड में ही पैसा लगाना चाहते हैं तो उनके लिए सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान एक बेहतर निवेश विकल्प साबित हो सकता है। चलिए उदाहरण से समझते हैं-
यदि आपने 10 लाख रुपये किसी डेट म्युचुअल फंड में निवेश किए हैं तो आप इस फंड से इक्विटी फंड में हर महीने एक निश्चित राशि का ट्रांसफर कर सकते हैं। इसमें लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न प्राप्त होता है और मार्केट की उतार-चढ़ाव का असर भी कम होता है।
कौन सा विकल्प चुने?यदि आप अपनी थोड़ी-थोड़ी बचत को म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान बेहतर है। वहीं यदि आप अपने डेट फंड में लगाई गई राशि को धीरे-धीरे इक्विटी फंड में ट्रांसफर करके अच्छा रिटर्न कमाना चाहते हैं तो आपके लिए एसटीपी बेहतर होगा। निवेशक अपनी वित्तीय जरूरत और लक्ष्य के अनुसार दोनों में से किसी भी विकल्प का चुनाव कर सकते हैं।
यदि आप एसटीपी में निवेश करना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि जिस भी इक्विटी फंड में आप पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं वह कम रिस्की होना चाहिए। जो आपके लक्ष्य और रिस्क कैपेसिटी के अंतर्गत हो। हालांकि कहीं भी पैसा लगाने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर करना चाहिए।
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