50 की उम्र में जब लोग अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करते हैं उस समय एक महिला ने न केवल अपने स्टार्टअप की शुरुआत की बल्कि अपनी कंपनी को केवल 10 साल में ही यूनिकॉर्न कंपनी भी बना दिया. इस महिला ने यह साबित कर दिया कि उम्र बस एक संख्या है. हम बात कर रहे हैं फाल्गुनी नायर कि जिन्होंने 50 कि उम्र में नौकरी छोड़ बिजनेस की शुरुआत करने का साहसिक कदम उठाया. वे नायका की संस्थापक और सीईओ हैं. आज उनकी कंपनी भारत की सबसे सफल यूनिकॉर्न कंपनियों में से शामिल है. फाल्गुनी नायर उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, लेकिन हार और चुनौतियों के डर से अपने कदम आगे नहीं बढ़ा पाते.
फाल्गुनी नायर की सफलता की कहानीफाल्गुनी नायर एक एक सेल्फ-मेड अरबपति हैं. जिन्होंने अपने सपने की शुरुआत के लिए अच्छी खासी नौकरी छोड़ने का जज्बा दिखाया. मुंबई के एक गुजराती परिवार में 19 फरवरी 1963 को फाल्गुनी नायर का जन्म हुआ. बचपन से ही फाल्गुनी ने अपने माता-पिता को मेहनत करते देखा. उनके पिता एक बिजनेसमैन थे और मां उनके छोटे कामों में उनकी सहायता करती थी. फाल्गुनी ने मुंबई के सिडनहम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से बी.कॉम और आईआईएम अहमदाबाद से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया.
फाल्गुनी ने साल 1987 में संजय नायर से शादी की. जो आईआईएम अहमदाबाद में उनके साथ पढ़ाई करते थे और वे कोहल्बर्ग क्रविश रॉबर्ट्स इंडिया के सीईओ हैं. उनके बच्चे अद्वैता और अंचित नायर भी फाल्गुनी नायर के नायका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जहां अद्वैता नायर नायका फैशन की सीईओ हैं वहीं अंचित ब्यूटी ई-कॉमर्स डिवीजन के मुख्य हैं.
कैसे रखी नायका की नींव अपने करियर की शुरुआत फाल्गुनी ने एक कंसल्टेंट के तौर पर की थी. साल 1993 में उन्होंने कोटक महिंद्रा ग्रुप जॉइन के साथ काम शुरू किया और लगातार 18 साल तक उन्होंने वहां काम किया. वे कोटक सिक्योरिटीज की डायरेक्टर और कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट बैंक की प्रबंध निदेशक के तौर पर भी सेवाएं दे चुकी हैं.
50 की उम्र में जब कई लोग अपने रिटायरमेंट की और स्थिरता की प्लानिंग बनाते हैं उस समय फाल्गुनी नायर ने एक बड़ा कदम उठाते हुए साल 2012 में कोटक महिंद्रा बैंक से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने नायका की स्थापना की. उनके इस कदम पर कई लोगों ने सवाल उठाए लेकिन फाल्गुनी को खुद पर भरोसा था.
साल 2022 में जब ई-कमर्स इंडस्ट्री भारत में अपनी शुरुआती दौर में थी उसे समय फाल्गुनी नायर ने बेटी और वैलनेस प्रोडक्ट के लिए नायिका नाम से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की नींव रखने का फैसला किया. नायका शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है स्पॉटलाइट में होना. अपनी बचत से लगभग 2 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया.
शुरुआत में फाल्गुनी अपने पिता के छोटे ऑफिस में केवल तीन कर्मचारियों के साथ काम करती थी. साल 2013 की शुरुआत तक उनकी वेबसाइट पूरी तरह से एक्टिव हो गई थी लेकिन फिर भी उनके सामने कई चुनौतियां आई. कोरोना महामारी के दौरान ऑफलाइन रिटेल के दबदबे के कारण उन्हें 42.5 करोड रुपए का नुकसान झेलना पड़ा. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत के दम पर केवल 10 साल में ही अपनी कंपनी को यूनिकॉर्न कंपनी बना दिया.
नायका का पहला ऑफलाइन स्टोर साल 2014 में खोला गया था. आज कंपनी के देश भर में 100 से ज्यादा स्टोर्स है. साल 2020 में नायका ने भारत की पहली वूमेन लीडरशिप वाली यूनिकॉर्न स्टार्टअप का खिताब अपने नाम किया. साल 2021 में आए उनके आईपीओ को भी जबरदस्त सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ जिसके बाद फाल्गुनी नायर भारत की सबसे अमीर सेल्फ मेड महिला बन गई. उन्हें फॉर्म्स इंडिया लिस्ट में साल 2024 में 44वां स्थान प्राप्त हुआ.
आज नायका के लगभग 2000 से अधिक ब्रांड्स हैं, जिसके अंतर्गत ब्यूटी, वेलनेस और फैशन से जुड़े लगभग 2 लाख प्रोडक्ट्स सेल किए जाते हैं.
फाल्गुनी नायर की सफलता लोगों को सिखाती है कि उम्र केवल एक संख्या होती है जो लोग उम्र का बहाना बनाकर अपने कदम पीछे कर लेते हैं उनके लिए यह महिला एक बड़ी मिसाल है. उन्होंने यह साबित किया कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से सफलता हासिल की जा सकती है.
फाल्गुनी नायर की सफलता की कहानीफाल्गुनी नायर एक एक सेल्फ-मेड अरबपति हैं. जिन्होंने अपने सपने की शुरुआत के लिए अच्छी खासी नौकरी छोड़ने का जज्बा दिखाया. मुंबई के एक गुजराती परिवार में 19 फरवरी 1963 को फाल्गुनी नायर का जन्म हुआ. बचपन से ही फाल्गुनी ने अपने माता-पिता को मेहनत करते देखा. उनके पिता एक बिजनेसमैन थे और मां उनके छोटे कामों में उनकी सहायता करती थी. फाल्गुनी ने मुंबई के सिडनहम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से बी.कॉम और आईआईएम अहमदाबाद से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया.
फाल्गुनी ने साल 1987 में संजय नायर से शादी की. जो आईआईएम अहमदाबाद में उनके साथ पढ़ाई करते थे और वे कोहल्बर्ग क्रविश रॉबर्ट्स इंडिया के सीईओ हैं. उनके बच्चे अद्वैता और अंचित नायर भी फाल्गुनी नायर के नायका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जहां अद्वैता नायर नायका फैशन की सीईओ हैं वहीं अंचित ब्यूटी ई-कॉमर्स डिवीजन के मुख्य हैं.
कैसे रखी नायका की नींव अपने करियर की शुरुआत फाल्गुनी ने एक कंसल्टेंट के तौर पर की थी. साल 1993 में उन्होंने कोटक महिंद्रा ग्रुप जॉइन के साथ काम शुरू किया और लगातार 18 साल तक उन्होंने वहां काम किया. वे कोटक सिक्योरिटीज की डायरेक्टर और कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट बैंक की प्रबंध निदेशक के तौर पर भी सेवाएं दे चुकी हैं.
50 की उम्र में जब कई लोग अपने रिटायरमेंट की और स्थिरता की प्लानिंग बनाते हैं उस समय फाल्गुनी नायर ने एक बड़ा कदम उठाते हुए साल 2012 में कोटक महिंद्रा बैंक से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने नायका की स्थापना की. उनके इस कदम पर कई लोगों ने सवाल उठाए लेकिन फाल्गुनी को खुद पर भरोसा था.
साल 2022 में जब ई-कमर्स इंडस्ट्री भारत में अपनी शुरुआती दौर में थी उसे समय फाल्गुनी नायर ने बेटी और वैलनेस प्रोडक्ट के लिए नायिका नाम से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की नींव रखने का फैसला किया. नायका शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है स्पॉटलाइट में होना. अपनी बचत से लगभग 2 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया.
शुरुआत में फाल्गुनी अपने पिता के छोटे ऑफिस में केवल तीन कर्मचारियों के साथ काम करती थी. साल 2013 की शुरुआत तक उनकी वेबसाइट पूरी तरह से एक्टिव हो गई थी लेकिन फिर भी उनके सामने कई चुनौतियां आई. कोरोना महामारी के दौरान ऑफलाइन रिटेल के दबदबे के कारण उन्हें 42.5 करोड रुपए का नुकसान झेलना पड़ा. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत के दम पर केवल 10 साल में ही अपनी कंपनी को यूनिकॉर्न कंपनी बना दिया.
नायका का पहला ऑफलाइन स्टोर साल 2014 में खोला गया था. आज कंपनी के देश भर में 100 से ज्यादा स्टोर्स है. साल 2020 में नायका ने भारत की पहली वूमेन लीडरशिप वाली यूनिकॉर्न स्टार्टअप का खिताब अपने नाम किया. साल 2021 में आए उनके आईपीओ को भी जबरदस्त सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ जिसके बाद फाल्गुनी नायर भारत की सबसे अमीर सेल्फ मेड महिला बन गई. उन्हें फॉर्म्स इंडिया लिस्ट में साल 2024 में 44वां स्थान प्राप्त हुआ.
आज नायका के लगभग 2000 से अधिक ब्रांड्स हैं, जिसके अंतर्गत ब्यूटी, वेलनेस और फैशन से जुड़े लगभग 2 लाख प्रोडक्ट्स सेल किए जाते हैं.
फाल्गुनी नायर की सफलता लोगों को सिखाती है कि उम्र केवल एक संख्या होती है जो लोग उम्र का बहाना बनाकर अपने कदम पीछे कर लेते हैं उनके लिए यह महिला एक बड़ी मिसाल है. उन्होंने यह साबित किया कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से सफलता हासिल की जा सकती है.
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