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पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने खोला सहवाग की 'लकी टी-शर्ट'का राज, जानिए क्या है पूरी कहानी

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Aakash Chopra (Image Credit Twitter X)

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने हाल ही में अपने अंडर-19 क्रिकेट दिनों से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। जहां उन्होंने बताया कि उनका पहला अंधविश्वास एक ‘लकी टी-शर्ट’ से जुड़ा था। इस टी-शर्ट को पहनकर उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और इंडिया अंडर-19 टीम में जगह बनाई। श्रीलंका दौरे पर भी इसी में रन बनाए, लेकिन आधिकारिक मैचों में टीम की जर्सी पहनना अनिवार्य हो गया और इसे छोड़ना पड़ा।

चोपड़ा ने याद किया कि उस समय वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी अंधविश्वासों से दूर रहते थे। कोच अंशुमन गायकवाड़ की सख्ती के बावजूद उन्होंने एक बार अपनी लकी टी-शर्ट पहनकर, लोगो को टेप से ढकते हुए मैच खेला और उस दिन भी रन बनाए। हालांकि, दौरे के अंत तक टी-शर्ट पुरानी हो गई थी और तभी उन्होंने तय किया कि अब खेल पर भरोसा करना है, कपड़ों पर नहीं।

जानिए क्या था वीरेंद्र सहवाग का नजरिया?

उन्होंने यह भी बताया कि उस दौर में कई साथी खिलाड़ी लकी रिस्टबैंड, उसके रंग या जर्सी नंबर को शुभ मानते थे। अगर मनचाहा नंबर न मिले तो अंक ज्योतिष का सहारा लिया जाता। वहीं, सहवाग ऐसे अंधविश्वासों को नकारते और कहते, “मैं तो बिना नंबर के भी खेल लूंगा।”

47 वर्षीय चोपड़ा ने आगे कहा कि वे भारत के मैचों के दौरान भविष्यवाणी करने से बचते हैं, क्योंकि अगर उनकी कही बात सच हो जाए तो सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ‘काली जुबान’ या ‘पनौती’ कहकर ट्रोल करते हैं। बल्लेबाजी के दौरान वे चुप रहते हैं, हालांकि गेंदबाजी के समय कभी-कभार टिप्पणी कर देते हैं।

भले ही चोपड़ा ने भारत के लिए केवल 10 टेस्ट खेले, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन बेहद शानदार रहा। उन्होंने 162 प्रथम-श्रेणी मैचों में 45.35 की औसत से 10,839 रन बनाए और कई यादगार पारियां खेलीं। आकाश चोपड़ा का यह किस्सा बताता है कि खिलाड़ी भी कभी-कभी खेल में मनोवैज्ञानिक सहारे के लिए अंधविश्वासों का सहारा लेते हैं, लेकिन अंततः असली भरोसा मेहनत और खेल पर ही टिकता है।

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