भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने हाल ही में ऑलराउंडरों के महत्व पर अपनी चुप्पी तोड़ी और एशिया कप 2025 की टीम की तैयारी के दौरान बल्ले और गेंद दोनों से योगदान देने की उनकी क्षमता पर जोर दिया।
भारत को 10 सितंबर को दुबई में अपने टूर्नामेंट के पहले मैच में यूएई का सामना करना है, मोर्कल का मानना है कि ऑलराउंडर टीम में जो संतुलन लाते हैं, वह बड़े मैचों में महत्वपूर्ण हो सकता है।
भारतीय टीम एशिया कप में प्रबल दावेदारों में से एक के रूप में प्रवेश कर रही है, क्योंकि इस साल भारत ने इस साल यूएई में आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब जीता था। इस बार, परिस्थितियां अलग होने की उम्मीद है।
चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान स्पिन ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन मोर्कल ने कहा कि भारत इस टूर्नामेंट में अधिक संतुलित रणनीति अपना सकता है। हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे और अक्षर पटेल जैसे ऑलराउंडरों का योगदान और भी महत्वपूर्ण होने वाला है।
इससे हमें और भी ज्यादा विकल्प मिलेंगे: मोर्कलमोर्कल ने मीडिया से कहा, “मेरे लिए शिवम दुबे को एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में देखना हमेशा महत्वपूर्ण रहा है जो चार ओवर गेंदबाजी कर सकता है। मैं हमेशा ऑलराउंडरों या उनके साथियों को दोनों स्किल्स पर कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। इस माहौल में, हम कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते।”
उन्होंने आगे कहा, “हां, हमारे पास फ्रंट लाइन गेंदबाज होंगे जो अटैक कर सकते हैं। लेकिन अगर हम काम करने के लिए पार्ट टाइम खिलाड़ियों को विकसित करते रहें, तो इससे हमें और भी ज्यादा विकल्प मिलेंगे।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक अच्छी बात है। हमारे लिए, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि जब हम अपनी ट्रेनिंग में मेहनत करें, सुनिश्चित करें कि हम एक इंटेंसिटी से ट्रेनिंग करें। एक बार जब आप भारतीय जर्सी पहन लेते हैं, तो उसके बाद आप मैच के लिए तैयार हो जाते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि ये खिलाड़ी टीम के लिए एक ठोस प्रदर्शन करेंगे।”
ग्रुप चरण में भारत के शेड्यूल में संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान और ओमान के खिलाफ मैच शामिल हैं, जबकि दुबई और अबू धाबी में मैच आयोजित किये जायेंगे।
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