नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में गुरुवार(30 अक्टूबर) का दिन भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में 5 विकेट से हराकर वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बना ली। जीत के बाद हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। दोनों बल्लेबाज़ों ने मुश्किल हालात में शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत को महिला वनडे इतिहास के सबसे बड़े रन चेज़ करने में सफल बनाया।
डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ टीम इंडिया ने फाइनल में अपना टिकट पक्का कर लिया, जहां उसका मुकाबला साउथ अफ्रीका से होगा।
पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की ओर से फोएबे लिचफील्ड और एलिसे पेरी ने कमाल की बल्लेबाजी की और दूसरे विकेट के लिए 155 रन की साझेदारी कर डाली। लिचफील्ड ने 93 गेंदों पर 17 चौके और 3 छक्के लगाते हुए 119 रन की शतकीय पारी खेली, जबकि पेरी ने 88 गेंदों में 77 रन बनाए। आखिरी ओवरों में एशले गार्डनर ने 45 गेंदों में 63 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसके चलते टीम ने 338 रन का मजबूत स्कोर खड़ा कर दिया।
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। शैफाली वर्मा (10) और स्मृति मंधाना (24) सस्ते में आउट हो गईं। लेकिन इसके बाद मैदान में उतरीं जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भारत की पारी संभाली। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 167 रन की साझेदारी कर मैच का रुख बदल दिया।
हरमनप्रीत कौर ने कप्तानी पारी खेलते हुए 88 गेंदों में 10 चौके और 2 छक्कों की मदद से 89 रन बनाए। वहीं जेमिमा रोड्रिग्स ने नाबाद 134 रन की शानदार पारी खेली, जिसमें 14 चौके शामिल थे। उनके शांत स्वभाव और धैर्य ने भारत को 48.3 ओवर में 5 विकेट शेष रहते 339 रन का लक्ष्य हासिल करने में मदद की।
जैसे ही विजयी रन बना, पूरा स्टेडियम झूम उठा। हरमनप्रीत और जेमिमा की आंखों से आंसू छलक पड़े वो आंसू मेहनत, जज़्बे और उस सपने के थे, जिसे टीम इंडिया ने सालों से जिया था। ये जीत न सिर्फ एक मैच की सफलता थी, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट की ताकत और आत्मविश्वास का प्रतीक बन गई।
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वहीं, प्लेयर ऑफ द मैच चुने जाने के बाद जेमिमा ने कहा, "सबसे पहले, मैं यीशु का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं, क्योंकि मैं यह सब अकेले नहीं कर सकती थी। मुझे पता है कि उन्होंने आज मुझे इस मुश्किल दौर से निकाला। मैं अपनी मां, पिताजी, कोच और हर उस व्यक्ति का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं, जिन्होंने इस दौरान मुझ पर विश्वास किया। पिछले चार महीने वाकई बहुत मुश्किल रहे, लेकिन यह एक सपने जैसा लग रहा है और अभी तक पूरी तरह से साकार नहीं हुआ है।"
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