हाल के महीनों में मैग्नीशियम को लेकर सोशल मीडिया पर तेज़ी से चर्चा बढ़ी है. हज़ारों पोस्ट में #Magnesium हैशटैग का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन सवाल यह है कि यह खनिज आपके स्वास्थ्य के लिए कितना ज़रूरी है और कैसे यह तय किया जाए कि आपको इसकी पर्याप्त मात्रा मिल रही है या नहीं?
मैग्नीशियम एक अहम सूक्ष्म पोषक तत्व है जो हमारे रोज़मर्रा के भोजन में पाया जाता है. यह शरीर में कई ज़रूरी कार्यों में सहायक होता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक, मैग्नीशियम यह सुनिश्चित करता है कि हमारी कोशिकाएं, अंग और मस्तिष्क ठीक से काम करें. यह मूड को स्थिर रखने, मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र को संतुलित रखने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने में भी मदद करता है.
साथ ही, मैग्नीशियम शरीर में विटामिन डी के अवशोषण और प्रवाह में भी अहम भूमिका निभाता है.
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हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत मानी जाती हैं, क्योंकि यह तत्व क्लोरोफिल में मौजूद होता है, वही तत्व जो पौधों को हरा रंग देता है.
रिफ़ाइन न किए गए अनाज, मेवे और बीज (सीड्स) भी मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं. इसके अलावा, कुछ मछलियों, मांस और दूध उत्पादों में भी सीमित मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है.
एक विश्लेषण के अनुसार, ब्राज़ील नट्स, ओट ब्रान, ब्राउन राइस (मध्यम दाने), काजू, पालक और बादाम जैसे खाद्य पदार्थों में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम होता है. एक अन्य अध्ययन बताता है कि चिया सीड्स और कद्दू के बीज भी इसके अच्छे स्रोत हैं.
ब्रिटिश डायटेटिक एसोसिएशन की प्रवक्ता और सलाहकार आहार विशेषज्ञ रेबेका मैक्मैनमोन कहती हैं, "यदि आप रोज़ाना बिना नमक वाले मेवे या साबुत अनाज खाते हैं और अलग-अलग प्रकार की फलियां, हरी सब्ज़ियां और फल शामिल करते हैं, तो संभव है कि आप रोज़ाना की ज़रूरत के अनुसार मैग्नीशियम प्राप्त कर लें."
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पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम लेना शरीर के लिए कई तरह से फ़ायदेमंद है.
मस्तिष्क का स्वास्थ्यमैग्नीशियम न सिर्फ़ शरीर के लिए, बल्कि मस्तिष्क के मेटाबॉलिज्म को नियमित करने और मस्तिष्क के ऊतकों के सही कामकाज के लिए भी बेहद ज़रूरी है.
एक अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक आयु की 6,000 से ज़्यादा महिलाओं पर 20 साल तक निगरानी रखी गई. इस दौरान यह पाया गया कि भोजन और सप्लीमेंट्स से मिलने वाला मैग्नीशियम माइल्ड कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट (दिमाग़ी कमज़ोरी) के खतरे को कम कर सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने में मैग्नीशियम अहम भूमिका निभा सकता है.
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एक अध्ययन के मुताबिक़, मैग्नीशियम चिंता और हल्के से मध्यम स्तर के मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) के लक्षणों को ठीक करने में मददगार हो सकता है.
लीड्स विश्वविद्यालय में पोषण और व्यवहार की प्रोफेसर डाई कहती हैं, "मैग्नीशियम मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े एक अहम रिसेप्टर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह रिसेप्टर तनाव, चिंता, मूड और डिप्रेशन से जुड़ा होता है."
प्रो. डाई ने मैग्नीशियम और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध पर आधारित विभिन्न अध्ययनों की समीक्षा की. उन्होंने बताया कि आठ में से चार अध्ययनों में चिंता पर सकारात्मक असर देखने को मिला.
हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक जो सबूत मौजूद हैं, उनकी गुणवत्ता बहुत अच्छी नहीं है. उन्होंने कहा, "मैग्नीशियम सप्लीमेंट के संभावित फायदों की पुष्टि के लिए और भी बेहतर और व्यवस्थित परीक्षणों की ज़रूरत है."
नींद में मददहमारे भोजन की आदतें कई तरीकों से हमारी नींद को प्रभावित कर सकती हैं.
साल 2022 में किए गए एक अध्ययन की समीक्षा में यह पाया गया कि पर्याप्त मैग्नीशियम लेने से नींद की गुणवत्ता बेहतरहो सकती है.
हालांकि यह असर जनसंख्या पर आधारित अध्ययनों में देखा गया है, जो वजहों और असर को पूरी तरह अलग नहीं कर सकते.
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मेटाबोलिक सिंड्रोम एक साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं की तरफ इशारा करता है जो टाइप 2 मधुमेह या आपके हृदय के स्वास्थ्य से जुड़ा हो सकता है.
नौ हज़ार से अधिक लोगों के एक विश्लेषण में पाया गया कि मैग्नीशियम का सबसे ज़्यादा सेवन करने वाले लोगों में मेटाबोलिक सिंड्रोम का जोखिम मैग्नीशियम का सबसे कम सेवन करने वाले लोगों की तुलना में एक तिहाई कम था.
दिल की सेहतकुछ प्रमाण बताते हैं कि मैग्नीशियम का अच्छा स्तर बनाए रखने से दिल को फ़ायदा होता है. मसलन इसके साक्ष्यों की एक समीक्षा में पाया गया कि मैग्नीशियम का अधिक सेवन करने वालों में उच्च रक्तचाप विकसित होने की संभावना सबसे कम सेवन करने वालों की तुलना में 8% कम थी.
क़रीब तीस साल में में 90 हज़ार महिला नर्सों के विश्लेषण से पता चला कि जिन महिलाओं ने मैग्नीशियम का सबसे अधिक सेवन किया, उनमें सबसे कम सेवन करने वाली महिलाओं की तुलना में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 39% कम था.
अन्य समीक्षा में पाया गया किपर्याप्त मैग्नीशियम लेने से दिल की बीमारी होने का जोखिम कमहो सकता है.
हड्डियों की सेहतमैग्नीशियम हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक पाया गया है. मैग्नीशियम हड्डियों के बनने की प्रक्रिया में शामिल होता है.
क्या आपको मैग्नीशियम की कमी हो सकती है?
प्रोफेसर लुईस डाई का कहना है कि शरीर में मैग्नीशियम की कमी का पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है.
उन्होंने बताया कि आम तौर पर लोग अपने भोजन में पर्याप्त मैग्नीशियम नहीं लेते.
इसका एक बड़ा कारण आधुनिक खेती और भोजन की प्रक्रिया को माना जा रहा है.
डाई कहती हैं, "पिछले 60 सालों में गहन खेती की वजह से मिट्टी में खनिज तत्वों की भारी कमी आई है. इसमें मैग्नीशियम की मात्रा में करीब 30% तक गिरावट भी शामिल है."
उन्होंने यह भी बताया कि पश्चिमी देशों के भोजन में प्रोसेस्ड फूड का अनुपात ज़्यादा है और इस प्रोसेसिंग के दौरान मैग्नीशियम का 80–90% हिस्सा नष्ट हो जाता है.
मैग्नीशियम की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं जुड़ी होती हैं, जैसे पाचन तंत्र के रोग, टाइप 2 डायबिटीज़, शराब की लत, गुर्दों का फेल होना और कुछ आनुवंशिक बीमारियां.
डाई ने कहा कि मैग्नीशियम की कमी से शरीर में हल्की सूजन हो सकती है, जो कई बीमारियों का एक सामान्य कारण बनती है.
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अधिकांश अध्ययन मैग्नीशियम से जुड़े फ़ायदों को लेकर सप्लीमेंट्स पर केंद्रित हैं, न कि भोजन से मिलने वाले प्राकृतिक मैग्नीशियम पर. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सप्लीमेंट्स को भोजन का विकल्प नहीं समझना चाहिए.
प्रोफेसर लुईस डाई कहती हैं, "मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स को भोजन का विकल्प नहीं बनाना चाहिए और इसे किसी 'चमत्कारी' तत्व की तरह नहीं देखना चाहिए जो हर समस्या का हल हो. अगर आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर कोई चिंता है, तो केवल विटामिन या मिनरल्स लेने के बजाय डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए."
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के मुताबिक़, यदि कोई व्यक्ति रोज़ाना 400 मिलीग्राम से अधिक मैग्नीशियम लेता है, तो उसे डायरिया जैसी समस्या हो सकती है.
विशेषज्ञों की राय है कि अगर आप सप्लीमेंट पर निर्भर नहीं रहना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपके भोजन में मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में मौजूद हो.
आहार विशेषज्ञ रेबेका मैक्मैनमोन कहती हैं, "हर रोज़ मुट्ठी भर नट्स खाना न केवल मैग्नीशियम के लिए, बल्कि फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स के लिहाज से भी फायदेमंद है. कुछ नट्स सेलेनियम और ज़िंक भी देते हैं. साथ ही, पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्ज़ियों और विभिन्न प्रकार के फल-सब्ज़ियों के सेवन से भी शरीर की मैग्नीशियम ज़रूरतें पूरी हो सकती हैं."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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