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10वीं में फेल होने का डर या बचपन की भूल? कम नंबर आने पर छात्र ने खुद रची अपनी मौत की कहां, जानिए क्या है पूरा मामला ?

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मेहंदीपुर बालाजी कस्बे से रविवार को रहस्यमय ढंग से लापता हुए नाबालिग को आखिरकार पुलिस 48 घंटे बाद बालाजी थाने लेकर आई। इससे परिजनों ने राहत की सांस ली। पुलिस पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि वह अपनी मर्जी से घर से निकला था। 10वीं में कम अंक आने पर नाबालिग ने पूरी कहानी गढ़ी थी। गौरतलब है कि रविवार को मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र के उदयपुरा रोड निवासी नाबालिग अपने पिता को लंच का टिफिन देने दुकान पर आया था। इसके बाद नाबालिग साइकिल से घर के लिए निकला, लेकिन आधे घंटे बाद भी जब वह घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की।

पत्र में लिखा था- तुम्हारे बेटे की हत्या कर दी गई है

नाबालिग के पिता की दुकान से 300 मीटर दूर एक साइकिल और धमकी भरा पत्र भी मिला। पत्र में लिखा था कि तुम्हारे बेटे की हत्या कर दी गई है, शव 7.30 बजे मिलेगा। इससे परिजनों की चिंता बढ़ गई। जिलेभर की पुलिस बच्चे की तलाश में जुटी हुई थी। बालिग के परिजनों ने बालाजी थाने में अपहरण का मामला दर्ज करवाया था। थाना प्रभारी गौरव प्रधान ने बताया कि नाबालिग के बारे में पता चलने पर हेड कांस्टेबल उदय मीना, कांस्टेबल कपिल जैमन व कप्तान ने नाबालिग के चाचा को बाड़मेर के बालोतरा के दुदवा भेजा, जो मंगलवार दोपहर 2 बजे नाबालिग को लेकर बालाजी थाने पहुंचे।

मां बोली- ट्रेन से बाड़मेर गया था बेटा
बच्चे की मां ने बताया कि बेटा बता रहा है कि उसने ही धमकी भरा पत्र लिखा था। इसके बाद वह बालाजी से पैसेंजर ट्रेन में सवार होकर बांदीकुई पहुंचा। जहां से ट्रेन से बाड़मेर जिले में पहुंचा। थाना प्रभारी ने बताया कि नाबालिग के 10वीं कक्षा में कम अंक आए थे। ऐसे में डर के कारण नाबालिग ने यह कदम उठाया। फिलहाल नाबालिग को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया है। जहां से नाबालिग को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। नाबालिग के मिलने के बाद समाजसेवियों ने बालाजी थाना प्रभारी का माला पहनाकर व साफा पहनाकर स्वागत किया।

ऐसे हुआ बच्चे का पता
नाबालिग बांदीकुई से ट्रेन में सवार होकर बालोतरा के दुदवा रेलवे स्टेशन पहुंचा। वहां उतरकर करीब 3 किमी पैदल चलने के बाद नाबालिग ने एक बकरवाल से पीने के लिए पानी मांगा। ऐसे में शक होने पर बकरवाल नाबालिग को अपने घर ले गया। जहां उसने नाबालिग को खाना खिलाने के बाद उससे घर का नंबर पूछा। नाबालिग के परिजनों और बालाजी थाना प्रभारी ने नाबालिग से फोन पर बात की तो उसके ठिकाने का पता चला।

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