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राजधानी जयपुर में लाखों रूपए का साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस ने 7 आरोपियों को किया अरेस्ट

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राजस्थान में लगातार साइबर ठगी का खेल देखने को मिल रहा है। आए दिन लोग साइबर जालसाजों के झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं। साइबर ठगी शातिराना तरीके से की जा रही है, जिससे राजस्थान पुलिस की नाक में दम है। हाल ही में राजस्थान की राजधानी में साइबर ठगी के मामले में अभियान चलाकर ऐसे जालसाजों को पकड़ा गया, जो देश ही नहीं बल्कि विदेशियों को भी अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे कई गिरोह का पर्दाफाश हो चुका है। वहीं, जयपुर क्राइम ब्रांच की कार्रवाई के बाद अब एक और गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। बताया जा रहा है कि शातिर गिरोह ने 17 लाख की साइबर ठगी को अंजाम दिया है। वहीं, पुलिस के शिकंजे में इस गिरोह के 7 आरोपी भी गिरफ्तार हुए हैं, जिनमें एक महिला भी शामिल है।

गेमिंग ट्रेडिंग साइट्स के जरिए लोगों को फंसा रहे थे

थाना मानसरोवर (दक्षिण) और सीएसटी (क्राइम ब्रांच) जयपुर ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन ठगी और फर्जी गेमिंग ट्रेडिंग साइट्स के जरिए आम लोगों को ठगने वाले साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार कर 11 मोबाइल, 1 लैपटॉप और 2 बैंक चेक बुक बरामद की गई हैं। आरोपियों के खिलाफ CEIR पोर्टल पर कुल 17 लाख रुपए की ठगी की शिकायत दर्ज की गई थी।

3 से 5 प्रतिशत मुनाफा

गिरोह के सरगना मुकेश पारीक ने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक संगठित नेटवर्क बनाया हुआ था, जो ऑनलाइन ट्रेडिंग और गेमिंग निवेश का लालच देकर आम लोगों से मोटी रकम ऐंठता था। ठग टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए पीड़ितों से संपर्क करते थे और उन्हें विदेशी निवेश का लालच देते थे। 3 से 5 प्रतिशत मुनाफे का लालच देकर लाखों रुपए ठगे जाते थे।

50 से 60 लाख की कमाई

पुलिस को खास मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी मुकेश और गिरोह के अन्य सदस्य मानसरोवर और आसपास के इलाकों में सक्रिय हैं। साइबर पुलिस और स्थानीय टीम ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए पूरे गिरोह को पकड़ लिया। पूछताछ में गिरोह ने करोड़ों रुपए की ठगी और साइबर ठगी के जरिए 50-60 लाख रुपए कमाने की बात कबूल की है। आरोपियों के खिलाफ थाना मानसरोवर साउथ में आईपीसी की धारा 419, 420, 66सी, 66डी व आईटी एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

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