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पहली बार जा रहे हैं झालाना सफारी? इन जरूरी बातों को जानकर ही करें प्लान, वीडियो में देखे टिकट से लेकर सफारी तक पूरी डिटेल

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जयपुर, राजस्थान की शान और पिंक सिटी के नाम से मशहूर इस ऐतिहासिक शहर में सिर्फ किले, महल और बाजार ही नहीं, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और रोमांच के शौकीनों के लिए एक खास तोहफा भी छिपा है—झालाना लेपर्ड सफारी। अगर आप जंगल की शांति में तेंदुए की झलक पाना चाहते हैं, तो यह सफारी आपके लिए बेहतरीन अनुभव साबित हो सकती है। लेकिन यहां जाने से पहले कुछ जरूरी बातें जान लेना बहुत जरूरी है, जिससे आपका वाइल्डलाइफ एडवेंचर पूरी तरह से सुरक्षित, रोमांचक और यादगार बन सके।


क्या है झालाना लेपर्ड सफारी?

झालाना लेपर्ड सफारी जयपुर शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह भारत की पहली शहरी लेपर्ड सफारी में से एक है। यहां लगभग 20 से ज्यादा तेंदुए (लेपर्ड्स) प्राकृतिक परिवेश में विचरण करते हैं। सफारी एरिया लगभग 24 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यह अरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसे और भी सुंदर और रहस्यमयी बनाता है।

सफारी का समय और स्लॉट
झालाना लेपर्ड सफारी में दो मुख्य स्लॉट होते हैं—सुबह और शाम।
सुबह का सफारी समय आमतौर पर 6:00 AM से 9:00 AM तक होता है।
शाम का स्लॉट 4:00 PM से 7:00 PM तक होता है।

दोनों समयों में तेंदुए के दिखाई देने की संभावना रहती है, लेकिन मॉर्निंग सफारी में आमतौर पर अधिक शांत वातावरण और पक्षियों की चहचहाहट के बीच वन्य जीवन की स्पष्ट झलक मिलती है।

टिकट बुकिंग और परमिट
झालाना सफारी के लिए ऑनलाइन बुकिंग अनिवार्य होती है। आप राजस्थान फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट या अधिकृत एजेंट्स के जरिए बुकिंग करा सकते हैं। एक जिप्सी में अधिकतम 6 यात्री सफर कर सकते हैं। टिकट में गाइड चार्ज, वाहन शुल्क और एंट्री फीस शामिल होती है।

सुझाव: मौसम के अनुसार अग्रिम बुकिंग करें, खासकर छुट्टियों या वीकेंड के दौरान, जब भीड़ अधिक रहती है।

क्या ले जाएं साथ?
कैमरा या बाइनाकुलर: तेंदुए या पक्षियों को दूर से देखने में मदद मिलेगी।
पानी की बोतल: सफारी के दौरान पानी पीने की अनुमति है, लेकिन कूड़ा न फैलाएं।
हल्के और ढके हुए कपड़े: धूल और गर्मी से बचने के लिए
सनग्लासेस और टोपी: खासकर गर्मियों में धूप से बचाव के लिए।
पहचान पत्र: बुकिंग के समय दिए गए ID का ओरिजिनल साथ रखें।

क्या न करें?
जानवरों को भोजन न दें।
सफारी के दौरान तेज आवाज, संगीत या चीख-चिल्लाहट न करें।
सफारी क्षेत्र में उतरना सख्त मना है।
प्राकृतिक चीजों को नुकसान न पहुंचाएं।

क्या दिख सकता है सफारी में?
तेंदुए तो मुख्य आकर्षण हैं ही, लेकिन इनके अलावा यहां नीलगाय, सियार, मोर, सर्पगिद्ध, इंडियन पाम सिवेट, हाइना, और कई तरह के पक्षी भी देखे जा सकते हैं। कई बार भाग्य अच्छा हो तो तेंदुआ सड़क के पास तक भी दिख सकता है।

क्यों खास है झालाना सफारी?
यह भारत की ऐसी सफारी है जहां तेंदुए मनुष्यों के नजदीक रहते हुए भी आक्रामक नहीं होते।शहर के इतने पास वाइल्डलाइफ का अनुभव मिलना अपने आप में अनोखा है।यहां की रॉक फॉर्मेशन, जंगल की पगडंडियां और प्राकृतिक वातावरण आपको एक शुद्ध वन्य जीवन का अनुभव कराते हैं।

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