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दौसा जिले के डिस्कॉम कार्यालयों पर लगेंगे 33 मेगावाट के सोलर प्लांट, ऊर्जा बचत और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम

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जिले में ऊर्जा बचत और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अब बड़ा कदम उठाया जा रहा है। दौसा जिले के डिस्कॉम कार्यालयों की छतों पर कुल 33 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। यह परियोजना राज्य सरकार के हरित ऊर्जा मिशन और “ग्रीन ऑफिस इनिशिएटिव” के तहत शुरू की जा रही है।

इस योजना का उद्देश्य डिस्कॉम (विद्युत वितरण निगम) के दफ्तरों में पारंपरिक बिजली पर निर्भरता घटाना, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना और सरकारी संस्थानों को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना है।

सौर ऊर्जा से सालाना करोड़ों की बचत

ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सोलर प्लांट लगने के बाद दौसा जिले के डिस्कॉम कार्यालयों की 90 प्रतिशत बिजली आवश्यकता सौर ऊर्जा से पूरी की जा सकेगी। इससे हर साल बिजली बिलों में करोड़ों रुपये की बचत होगी।

जानकारी के अनुसार, इन सोलर प्लांट्स से प्रतिवर्ष करीब 4.5 करोड़ यूनिट स्वच्छ बिजली उत्पन्न होगी। इसके साथ ही वातावरण में लगभग 35 हजार टन कार्बन उत्सर्जन की कमी आएगी, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है।

राज्य सरकार की ग्रीन एनर्जी नीति को गति

राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में दौसा जैसे जिलों में सोलर प्लांट लगाना एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा —

“हम चाहते हैं कि सरकारी भवन खुद ऊर्जा उत्पादक बनें, उपभोक्ता नहीं। यह राजस्थान को ‘ग्रीन एनर्जी स्टेट’ बनाने की दिशा में एक ठोस शुरुआत है।”

उन्होंने बताया कि इस पहल से न केवल सरकारी बिजली खर्च घटेगा, बल्कि आम जनता को भी सौर ऊर्जा अपनाने की प्रेरणा मिलेगी।

डिस्कॉम और आरआरईसी मिलकर करेंगे काम

इस परियोजना को राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम (RREC) और जयपुर डिस्कॉम (JVVNL) के संयुक्त सहयोग से क्रियान्वित किया जाएगा।
पहले चरण में दौसा जिला मुख्यालय और प्रमुख उपखंड कार्यालयों की छतों पर सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे।

इन सोलर प्लांट्स को नेट-मीटरिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा, ताकि अतिरिक्त बिजली ग्रिड में वापस भेजी जा सके। इससे ऊर्जा संतुलन और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित होगी।

स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे

परियोजना के निर्माण और रखरखाव से स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। ऊर्जा विभाग के अनुसार, स्थापना कार्यों के लिए स्थानीय ठेकेदारों, तकनीकी विशेषज्ञों और इंजीनियरिंग संस्थानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

पर्यावरण संरक्षण में बड़ी भूमिका

सौर ऊर्जा परियोजना से न केवल सरकारी संस्थान आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से दौसा जिला राजस्थान के प्रमुख ग्रीन एनर्जी जिलों में शामिल हो सकेगा।

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