राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन आगोर सरहद में शुक्रवार को हुए चिंकारा हिरण शिकार मामले में वन विभाग व पुलिस की टीम ने सोमवार देर रात 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मामले को लेकर ग्रामीणों का गतिरोध व विरोध समाप्त हो गया।
25 लोग हिरासत में लिए गए
इस मामले को सुलझाने के लिए वन विभाग व पुलिस की टीमों ने आसपास के क्षेत्र में पूर्व में हुई शिकार की घटनाओं में शामिल संदिग्धों की धरपकड़ शुरू की। इसके चलते 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर गहन पूछताछ की गई। इस दौरान 5 आरोपियों ने चौहटन आगोर सरहद में शिकार की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
कौन हैं आरोपी?
चौहटन वन रेंजर सुरेन्द्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि शिकार की घटना में शामिल मुख्य आरोपी मालाराम पुत्र कमलाराम व नंदलाल पुत्र रहीमराम दोनों ही आंटिया निवासी हैं। इनका सहयोग सवाईराम पुत्र हंजारीराम, प्रभाकर राय पुत्र शांतिराम राय व सरूप राम पुत्र सवाईराम ने किया है। तीनों साथी चौहटन के रहने वाले हैं। सभी को हिरण शिकार मामले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
तीनों आदतन शिकारी हैं
टीम ने अपराधियों के कब्जे से शिकार में प्रयुक्त टार्च और लकड़ी का डंडा बरामद किया है। मामले में गहन जांच जारी है और पांचों आरोपियों से पूछताछ जारी है। पुलिस के अनुसार सभी आरोपी पहले भी वन्यजीव शिकार मामलों में शामिल रहे हैं और आदतन शिकारी हैं।
हिरण शिकार मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बाड़मेर डीएफओ सविता दहिया, चौहटन डिप्टी जीवन सोनी, चौहटन उखाड अधिकारी सहित पुलिस, वन विभाग और जिला प्रशासन की समझाइश के बाद मृत हिरणों के शवों को फ्रिज में रखकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने शुक्रवार से चल रहे विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने की घोषणा की और मृत हिरणों के शवों का अंतिम संस्कार भी किया गया।
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