राजस्थान के उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (एमएलएसयू) में कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। 12 सितंबर को गुरुनानक कॉलेज में आयोजित एक सेमिनार में औरंगज़ेब को एक कुशल प्रशासक बताने के बाद, मेवाड़ भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हालाँकि मिश्रा ने सोशल मीडिया पर अपने बयान से आहत लोगों से माफ़ी मांगी है, लेकिन उन्हें हटाने की मांग जारी है।
इस मामले में न केवल छात्र बल्कि करणी सेना संगठन भी शामिल है। करणी सेना ने सुनीता मिश्रा को मेवाड़ छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। वहीं, एबीवीपी के छात्रों ने उन्हें हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन और राजस्थान बंद करने की धमकी दी है।
सुनीता मिश्रा 30 दिन की छुट्टी पर
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति विवाद में एक अहम खबर सामने आई है। आज कुलपति सुनीता मिश्रा अपने विवादास्पद बयान के कारण 30 दिन की छुट्टी पर चली गईं, जिसे राज्यपाल ने मंज़ूरी दे दी है। इस बीच, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति अजीत कुमार कर्नाटक को सौंपने के आदेश जारी किए गए हैं।
हालाँकि, इस छुट्टी को एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। औरंगज़ेब को एक कुशल प्रशासक के रूप में चित्रित करने को लेकर उठे विवाद के बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) लगातार हड़ताल और प्रदर्शन कर रही है। इसे देखते हुए, यह संदेह है कि राज्यपाल द्वारा गठित समिति का निर्णय आने तक स्थिति को शांत करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
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