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राजस्थान सरकार ने बदली सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की प्रवेश प्रक्रिया, जानिए क्या है नए दिशा-निर्देश और आवेदन प्रक्रिया ?

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पिछली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में परिवर्तित करके महात्मा गांधी विद्यालयों की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य यह था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी निजी स्कूलों की तरह अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कर सकें। ऐसे में बड़ी संख्या में नए स्कूल या तो खोले गए या मौजूदा स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में अपग्रेड किया गया। हालाँकि, इन स्कूलों में भी अन्य सरकारी स्कूलों की तरह समस्याओं की कोई कमी नहीं है। कई जगहों पर नामांकन की कमी और ज़्यादातर जगहों पर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की कमी से जूझ रहे इन स्कूलों में अब सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। ऐसे में अब महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया हिंदी माध्यम की तर्ज पर होगी। इसके तहत पूरे शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रवेश लिया जा सकेगा।

17 को जारी हुई थी ऑनलाइन लॉटरी

महात्मा गांधी राजकीय स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया 15 जून को पूरी हो गई थी। ऑनलाइन भरे गए आवेदनों की लॉटरी 17 जून को जारी की गई थी। इसके तहत लॉटरी में चयनित छात्रों ने 5 जुलाई तक स्कूल में प्रवेश लिया था। इसके बाद, यदि आवेदन कम आते हैं या प्री-प्राइमरी बाल वाटिका कक्षाओं में निर्धारित सीटों से कम विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं, तो रिक्त सीटों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन लेकर प्रवेश दिया जा सकेगा। इसके लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। यदि सीट रिक्त रहती है, तो संस्था प्रधान द्वारा आवेदन करने के बाद विद्यार्थी को प्रवेश दिया जाएगा और वर्ष भर अध्ययन कराया जाएगा।

यह होगी प्रक्रिया

प्री-प्राइमरी बाल वाटिका कक्षाओं की शेष सीटों के लिए सत्र तक ऑफलाइन और ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक रिक्त सीटों के लिए पूरे सत्र के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन लिए जा सकेंगे। अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में कक्षा नौ से बारह तक रिक्त सीटों के लिए शिविरा पंचांग 2025-26 में सामान्य हिंदी विद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रवेश नियमों और विभाग के निर्देशों के अनुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन लिए जा सकेंगे।

पहले आओ, पहले पाओ

अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में रिक्त सीटों पर ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रवेश होने पर, पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि अगर स्कूल की संबंधित कक्षा में सीटें खाली हैं, तो आवेदन करने वाले छात्र को वही स्कूल आवंटित किया जाएगा। इससे अभिभावक सीधे उसी स्कूल में दाखिले के लिए दस्तावेज जमा कर सकेंगे। नामांकन प्रक्रिया लॉटरी के माध्यम से की गई थी। अपेक्षित नामांकन न होने के कारण अब संबंधित स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाएगा।

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