राजस्थान के चूरू जिले में चार दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए वायुसेना के जगुआर लड़ाकू विमान का ब्लैक बॉक्स आखिरकार मिल गया है। वायुसेना के चल रहे तलाशी अभियान में यह एक बड़ी सफलता है। इस दुर्घटना में दोनों पायलट शहीद हो गए थे।
चार दिनों से लगातार तलाशी अभियान चला रही थीं वायुसेना की टीमें
गौरतलब है कि चार दिनों से दिल्ली, गुजरात और सूरतगढ़ वायुसेना की टीमें लगातार इस अभियान में लगी हुई थीं। भानूदा और सिकराली रोही गाँव की रोही (खुले क्षेत्र) में जगुआर लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से वायुसेना का तलाशी अभियान ज़ोरों पर चल रहा था। शनिवार को चलाए गए विशेष "कॉम्बिंग सर्च ऑपरेशन" के बाद वायुसेना को यह महत्वपूर्ण सफलता मिली है। लड़ाकू विमान के आगे और पीछे के रास्ते पर गहन तलाशी अभियान चलाया गया, जिसके बाद ब्लैक बॉक्स मिला।
लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता चल सकेगा
वायुसेना की टीमें और स्थानीय प्रशासन मौके पर मौजूद हैं। ब्लैक बॉक्स मिलने से अब लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता लगाने में मदद मिलेगी। दुर्घटना की असली वजह जांच के बाद ही सामने आएगी। इस दुखद घटना में भारतीय वायुसेना के दोनों जांबाज पायलटों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।
कब हुआ हादसा
बता दें कि चार दिन पहले वायुसेना का जगुआर प्रशिक्षण विमान चूरू के भानुदा गांव और सिकराली के रोही गांव के खुले मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दोनों पायलटों को गंभीर चोटें आईं, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। विमान दुर्घटना की जांच के लिए वायुसेना की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित की गई है। साथ ही, लगातार चार दिनों से विमान का ब्लैक बॉक्स निकालने के प्रयास किए जा रहे थे, जिसमें आज (शनिवार) सफलता मिली।
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