
जयपुर । राजस्थान में पिछले साल औसत से ज्यादा बारिश हुई। इससे सूखे कुएं से लेकर कई सालों से सूखे पड़े नदी-नालों में पानी आ गया था। झमाझम बारिश के बाद भी प्रदेश में पिछले साल छोटे बड़े 312 बांध पूरी तरह सूख चुके हैं। अभी तक केवल छह बांध ही पूरे भरे हैं। पेयजल आपूर्ति एवं सिंचाई के लिए बांधों से पानी लेने से इनका जल भराव कम हुआ है। ऐसे में दो माह बाद सक्रिय होने वाले दक्षिण पश्चिमी मानसून पर फिर से उम्मीदें टिक गई हैं। इस बार मौसम विभाग ने भी राज्य में मानसून की धमाकेदार एंट्री होने और फिर बंपर बारिश का अनुमान जताया है। इस साल अच्छे मानसून से सूखे पड़े बांधों को नई संजीवनी मिलने की संभावना है।
जल संसाधन विभाग के अनुसार राज्य में कुल 691 छोटे बड़े बांध हैं। जयपुर जोन में सर्वाधिक 252 छोटे बड़े बांध हैं। जोधपुर 117, कोटा 81, बांसवाड़ा 63 और उदयपुर जोन में 178 बांध हैं। राज्य में 4.25 एमक्यूएम से ज्यादा भराव क्षमता वाले कुल बांध 283 हैं जिनमें से 84 बांध रीते हैं। वहीं 197 बांधों में पानी का आंशिक रूप से भराव है। महज दो बांध ही अभी तक पूरे भरे हुए हैं। वहीं 4.25 एमक्यूएम से कम भराव क्षमता वाले कुल बांध 408 हैं जिसमें से 228 बांध अब पूरी तरह से सूखे हुए हैं। 174 बांधों में आंशिक रूप से पानी का भराव है। केवल 4 बांध ही पानी से भरे हुए हैं।
जयपुर की लाइफलाइन बीसलपुर बांध में भरपूर पानी
जयपुर, दौसा, टोंक, अजमेर जिले में मुख्य पेयजल स्त्रोत बीसलपुर बांध का वर्तमान जलस्तर 314.63 आरएल मीटर है, जो कुल भराव क्षमता का 84.33 प्रतिशत है. बांध में अभी 32.636 टीएमसी पानी मौजूद है, जो 38 टीएमसी की कुल क्षमता का लगभग 86 प्रतिशत है। बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है, यानि बांध अब 87 सेंटीमीटर खाली है।
इस साल भी बंपर बारिश का अनुमान
राज्य में जून से सितंबर माह में मानसून की औसत बारिश का आंकड़ा 435.6 मिलीमीटर है। वहीं पिछले साल राज्य में 678.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई जो पिछले वर्ष 1971 से 2020 के दीर्घकालीक औसत बारिश से 156 फीसदी ज्यादा है। प्रदेश में वर्ष 1917 में औसत बारिश की तुलना में 844.2 मिलीमीटर व वर्ष 1908 में 682.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हो चुकी है। पिछले साल राजस्थान राज्य के 33 जिलों में से 16 जिलों में अतिवर्षा हुई जो सामान्य से 60 फीसदी अधिक रही। जबकि 10 जिलों में सामान्य से अधिक और 7 जिलों में बारिश का आंकड़ा सामान्य रहा। दो जिलों में मानसून की रिकॉर्ड बारिश भी दर्ज की गई। दो जिलों में दक्षिण पश्चिमी मानसून जमकर मेहरबान रहा। दौसा और सवाईमाधोपुर जिले में दीर्घकालीक औसत से ज्यादा बारिश हुई ।
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