भोपाल। सतत विकास के लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर क्रियान्वित करने में मध्य प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। इसी क्रम में सतत विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन में निजी उद्योग की भूमिका और सहभागिता को बढ़ाने के लिए भारत-जर्मन सहयोग परियोजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य नीति आयोग द्वारा आज (गुरुवार को) सुबह 10 बजे से भोपाल के कोर्टयार्ड बाय मैरियट विशेषज्ञों की राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई है।
उल्लेखनीय है कि कार्यशाला में मध्य प्रदेश के विभिन्न विभाग, जिलों के प्रतिनिधियों, नीति आयोग, जर्मनी की संस्था जीआईजेड के प्रतिनिधियों से सतत विकास के लक्ष्यों और उनके स्थानीयकरण के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मध्य प्रदेश उन राज्यों में से एक है, जहां सतत विकास के लक्ष्यों के स्थानीयकरण में तेजी आई है। एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 में मध्य प्रदेश को फ्रंट रनर स्टेट का दर्जा मिला है। कार्यशाला में जर्मन दूतावास और यूएनडीपी के प्रतिनिधि, भारत जर्मन सहयोग परियोजना की प्रमुख हेनरी पेईचर्ट, नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार राजीव कुमार सेन और सतत विकास लक्षण के क्रियान्वयन से जुड़े विषय विशेषज्ञ, आर्थिक सलाहकार, कॉर्पोरेट भागीदारी से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि मई 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने भारत और जर्मनी के बीच हरित और सतत विकास के लिए एक नई साझेदारी के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी भारत-जर्मनी विकास सहयोग को 2030 एजेंडा और पेरिस समझौते के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए था। इस प्रक्रिया में भारत जर्मनी सहयोग का समर्थन करने के लिए जर्मन संघीय आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय बीएमजेड ने जीआईजेड संस्था के साथ साझेदारी की। जीआईजेड और नीति आयोग राष्ट्रीय राज्य और जिला स्तर पर सतत विकास लक्ष्य के क्रियान्वयन और निगरानी में सहायता के लिए संस्थागत क्षमताओं को मजबूत करने के करने में सहयोग दे रहे हैं। इसका उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मध्य पारस्परिक ज्ञान साझा करने को सुलभ बनाना और राज्य नीति आयोग और अन्य संस्थाओं के सहयोग के लिए मार्ग प्रशस्त करना है।
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